कल्कि जयंती के शुभ अवसर पर ईश्वर पुत्र अरुण का सन्देश


कल्कि जयंती मानाने से पहले मैं तुम सबको एक सन्देश देना चाहता हूँ। यह सन्देश संपूर्ण मानव जाति  के लिए होगा।
हे धरती पर रहने वाले लोगों ! एक जलते हुए दीपक  से तुम हजारों दीपक जला सकते हो , फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होगी  | ठीक उसी तरह खुशियाँ बाँटने से खुशियाँ बढ़ती है, कम नहीं होती | मैं तुमसे सच कहता हूँ कि अगर तुम  सच मुच  अपने आप से प्रेम करते हो, तो तुम  कभी भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।  देह या शक की आदत से भयानक कुछ भी नहीं है।   संदेह लोगों को अलग करता है और मित्रता तोड़ता है।  खुशियाँ पाने का कोई रास्ता नहीं, खुश रहना ही खुशियाँ पाने का रास्ता है|

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