प्रभु कल्कि जी आवें आपके द्वार
खुशियों से भर जाये आपका
घर - द्वार
कल्कि जयन्ती के प्रेयर फेस्टिवल दिन
कल्कि जी की कृपा बरसे आप पर अपार
मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है ।जिस प्रकार यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा।