राकेश: आदि श्री जी के चरणों में कोटि - कोटि प्रणाम । आदि श्री जी, मैं यह जानना चाहता हूँ कि कल्कि जयन्ती मनाने के लिए हमें किन - किन बातों का अनुसरण करना चाहिए ?
आदि श्री अरुण : कल्कि जयन्ती मनाने के लिए आपको निम्न लिखित बातों का स्मरण रखना चाहिए :
(1) पमेश्वर की प्राप्ति के लिए अनन्य भक्ति एवं अनन्य प्रेम का आधार होना आवश्यक है ।
(2) एकमात्र पमेश्वर ही सम्पूर्ण विश्व का पथ प्रदर्शक और गुरु है ।
(3) किसी व्यक्ति के अंदर जब तक इच्छा लेशमात्र भी मौजूद है तब तक उस व्यक्ति को पमेश्वर के दर्शन नहीँ हो सकते । इसलिए छोटी सी छोटी इच्छा को भी त्याग देना परम आवश्यक है ।
(4) मैले शीशे पर सूर्य की किरणों का प्रतिबिंब नहीँ पड़ता है ठीक उसी प्रकार जिस व्यक्ति का अंत:करण मलिन और अपवित्र हैँ उन के हृदय मेँ ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिंब नहीँ पड़ सकता । इसलिए आपका अंतःकरण मलिन और अपवित्र नहीं होना चाहिए।
(5) जिसने ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर लिया है उस पर कामना, क्रोध, लोभ और मोह का विष नहीँ चढ़ता। इसलिए आपको सबसे पहले एथोराईज्ड गुरु देव के पास जाकर ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
(6) दूध में पानी मिला दो ।हंस दूध पी लेगा और पानी छोड़ देगा परन्तु दूसरे पक्षी ऐसा नहीँ कर सकते। ठीक इसी प्रकार साधारण पुरुष माया के जाल मेँ फंसकर परमात्मा को नहीँ देख सकते । केवल आदि श्री जी के ज्ञान मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति ही माया को छोड़कर परमेश्वर का दर्शन पाकर सुख का अनुभव करते हैँ।
(7) जब हवा चलने लगे तो पंखा झेलना छोड़ देना चाहिए परन्तु जब ईश्वर की कृपा दृष्टि होने लगे तो प्रार्थना तपस्या नहीँ छोड़नी चाहिए।