आप अपने जीवन में क्या चाहते हैं ? आशीर्वाद या चमत्कार ?


यह सच है कि तुम परमेश्वर को नहीं पूजते हो बल्कि परमेश्वर के चमत्कार को ही पूजते हो। परन्तु तुम अपने आपको मेंटली और इमोशनली तैयार करो क्योंकि मैं जो कहने जा रहा हूँ वह अप्रिय है और शायद मेरी बातों से तुम्हें सदमा पहुंचे ।  परमेश्वर  की पसंद चमत्कार के द्वारा तुम्हारी आवश्यकताओं की पूर्ति करना नहीं है। चमत्कार प्राकृतिक कानूनों की स्वीकृति के रूप में है और स्वयं मेरे जीवन में बहुत से चमत्कार हुए हैं। मुझे इस बात का तनिक भी संदेह नहीं है कि परमेश्वर का चमत्कार एक घंटी की तरह है जिसके द्वारा परमेश्वर मनुष्यों को अपने पास बुलाते हैं। लेकिन, मुझे आप से यह पूछना है कि आप स्वस्थका होने का एक चमत्कार प्राप्त करना चाहेंगे अथवा स्वस्थ जीवन का आशीष प्राप्त कर जिन चाहेंगे। आप दिवालियापन से बाहर निकलना चाहेंगे अथवा धन प्राप्त करने का आशीष प्राप्त करना चाहेंगे। इन दोनों का जबाब बरा ही स्पष्ट है। अच्छा यह है कि पड़ेशानी नहीं आए जो कि आशीर्वाद में रहने का परिणाम है, उसकी तुलना में एक चमत्कार की आवश्यकता अच्छी नहीं है , जो उनमें से बाहर किया जाना है । चमत्कार से अच्छा परमेश्वर के आशीर्वाद में रहना है इसके मुख्य तीन कारण हैं :

(१) परमेश्वर का आशीर्वाद संकट को रोकता है जबकि चमत्कार संकट से बहार निकलता है
(२) आशीर्वाद हमेशा एक चमत्कार की तुलना में एक अधिक प्रचुर मात्रा में आपूर्ति है और
(३) चमत्कार एक अस्थायी उपचार है जबकि आशीर्वाद स्थायी समाधान है।
इसलिए यदि आप चमत्कार पर चमत्कार अपने जीवन में चाहते हैं तो इसका अर्थ यह है कि आपके जीवन में केवल संकट ही संकट आएँगे।
सृष्टि की रचना के लिए परमेश्वर की मंशा थी कि  चमत्कार की जगह आशीर्वाद के तहत कार्य करना। यदि पाप सृष्टि की रचना को नष्ट नहीं करता तो चमत्कार की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। ऐसी अवस्था में सभी आदमी स्वस्थ रहते, हर कोई समृद्ध होता और संघर्ष रहित होता और टूटे रिश्ते और युद्ध के कारण का ​​कोई अस्तित्व नहीं होता। दुर्भाग्य वश भ्रष्टाचार पृथ्वी पर है और हमेशा चमत्कार करने की आवश्यकता नहीं होती।
 हलाकि .परमेश्वर हमें हमारी पापों को माफ ही नहीं करते बल्कि अपने चाहने वालों को  अभिशाप से छुटकारा भी दिलाते। धर्मशास्त्र, गलतियों ३ :१३ में यह भविष्यवाणी किया है कि परमेश्वर हमें अभिशाप के कानून से छुटकारा दिलाया। यदि हम विश्वास करेंगे तो हमें  आशीर्वाद मिलेगा और उसी के अनुसार हम काम करेंगे।इसके चलते हम बहुत से संकटों से बच जायेंगे जिसके लिए हमें चमत्कार की आवश्यकता होती है।


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