कहाँ से और कैसे आगए शरीर में ?
ईश्वर पुत्र अरुण
कहाँ से और कैसे आगए शरीर में -
क्षीरदकोसयी विष्णु - पूर्ण ब्रह्म का एकलौता पुत्र (जिसे ईश्वर पुत्र कहते हैं ) जिस स्थान में आकर प्रकाश के रूप में फैल गए उसी स्थान को अनामी लोक कहते हैं। अनामी लोक - अथाह प्रकाश का सागर है जिसमें अनगिनत प्रकाश की बूंदें हैं। इस प्रकाश बून्द को आत्मा कहते हैं। यहीं से प्रकाश की बून्द धरती पर जाने के लिए नीचे उतरी। अनामी से वह अगम लोक में आई। अगम लोक से अलख लोक में आई। अलख लोक से वह सत लोक में आई। सत लोक से वह सोऽहं ब्रह्म (भँवर गुफा) में आई। सोऽहं ब्रह्म (भंवर गुफा) से वह महा शून्य में आई। महा शून्य से वह शून्य में आई। शून्य से वह मानसरोवर झील में आई। मानसरोवर झील से वह रा रम ब्रह्म (दसम द्वार) में आई। रा रम ब्रह्म (दसम द्वार) से वह माया ब्रह्म (त्रिकुटी ) में आई। माया ब्रह्म (त्रिकुटी ) से वह ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन) में आई। ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन) से वह तीसरी आँख पर आई। तीसरी आँख से वह आज्ञा चक्र में आई और आज्ञा चक्र से दोनों आँखों में फैल गई।
इस प्रकार आप अनामी लोक से चल कर धरती पर इस जन्मने - मरने वाले शरीर में आए हैं। अब आप जैसे - जैसे ऊपर से नीचे शरीर में आगए उसी प्रकार शरीर से बहार निकल कर आप ऊपर अनामी लोक में पहुँच जाइए । क्योंकि अनामी ही वह जगह है जहाँ पहुँच कर आप जन्म-मरण से छूटकर मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं ।
अब प्रश्न यह उठता है कि 5 ब्रह्म कौन है जिससे होकर आप शरीर में आ गए ? वह 5 ब्रह्म निम्न लिखित है :-
(1) सत लोक
(2) सोऽहं ब्रह्म (भंवर गुफा)
(3) रा रम ब्रह्म (दसम द्वार)
(4) माया ब्रह्म (त्रिकुटी)
(5) ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन)
उस 5 ब्रह्म पर 5 अलग - अलग जो शब्द सुनाई दिए थे वह निम्न लिखित है :-
(1) सत लोक --------------------------- वीणा / बैग पाइप
(2) सोऽहं ब्रह्म (भंवर गुफा) ------------ वंशी
(3) रा रम ब्रह्म (दसम द्वार) ---------- सारंगी / Sitar
(4) माया ब्रह्म (त्रिकुटी) ---------------- ताल
(5) ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन) ---------- घंटा और शंख
अब प्रश्न यह उठता है कि 5 ब्रह्म कौन है जिससे होकर आप शरीर में आ गए ? वह 5 ब्रह्म निम्न लिखित है :-
(1) सत लोक
(2) सोऽहं ब्रह्म (भंवर गुफा)
(3) रा रम ब्रह्म (दसम द्वार)
(4) माया ब्रह्म (त्रिकुटी)
(5) ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन)
उस 5 ब्रह्म पर 5 अलग - अलग जो शब्द सुनाई दिए थे वह निम्न लिखित है :-
(1) सत लोक --------------------------- वीणा / बैग पाइप
(2) सोऽहं ब्रह्म (भंवर गुफा) ------------ वंशी
(3) रा रम ब्रह्म (दसम द्वार) ---------- सारंगी / Sitar
(4) माया ब्रह्म (त्रिकुटी) ---------------- ताल
(5) ॐ ब्रह्म (ज्योति निरंजन) ---------- घंटा और शंख
Five sound arose in five Brahm while the Super Soul came down into the body
(1) AVINASHI LOK:
ANAMI – AADI SAT – GODSELF
AGAM – KARYA BRAHM
ALAKH – VAIKUNTH
(2) SAT LOK ———————————------------------ VEENA / BAG PIPE
Sitting Place of Son of Purn Brahm (Ishwar Putra or Guru)
Sitting Place of Son of Purn Brahm (Ishwar Putra or Guru)
(3) SOHAM BRAHM (BHRAWAR GUPHA)--------- —————— FLUTE
(4) MAHA SUNN —————————————– SILENCE
(5) SUNN —————————————– SILENCE
(6) MANSAROVAR LAKE -------------------------------------- SILENCE
(7) RA RAM BRAHM (DASAM DWAR) --------------------------- —- SARANGI / SITAR
(8) MAYA BRAHM / ONKAAR (TRIKUTI) ----------------------—– - TAAL
(9) OM BRAHM (JYOTI NIRANJAN)– SAHASRAAR------—-------- BELL, CONCH
(10) THIRD TIL / THIRD EYE
(11) AGYA CHAKRA
(12) THROAT CHAKRA - (Ajna)
(13) HEART CHAKRA - (Vishuddha)
(14) NAVEL CHAKRA - Manipura (Nabhi)
(15) LING / GENITAL CHAKRA - Svadhishthana
(16) RECTUM – ROOT CHAKRA - MOOLADHAR (Guda)