क्या आप मरना नहीं चाहते हैं ?



जियो ऐसे कि तुम भगवान का आज्ञाकारी कहलाओ, परमेश्वर के वचन का पालन करने वाला समझे जाओ  और लोगों के जवान पर ईश्वर के सब नियमों को मानने वाले कहा जाओ। परमेश्वर की व्यवस्था में तुम चलने वाला बनो। तब  तुम्हारा नाम हमेशा के जीने वाले लिस्ट में होगा   जैसे - परशुराम जी, हनुमान जी, कृपाचार्य, महाबली, अश्वस्थामा, विभीषण, व्यास, जाम्भन, मार्कण्डेय, देवापि, मरू, सप्तऋषि इत्यादि का नाम हमेशा के जीने वाले लिस्ट में है  । 

परमेश्वर की व्यवस्था में सबसे पहला काम है पमेश्वर के वचन को सुनना दूसरा काम है उनके वचन को स्वीकार करना और तीसरा काम है उनके वचन का अपने दैनिक जीवन में पालन करना । जो व्यक्ति रात - दिन परमेश्वर की व्यवस्था पर ध्यान करते रहता है और अपने जीवन को परमेश्वर की व्यवस्था पर नियंत्रित रखकर कार्य करता है वह प्रसन्न रहता है ।(धर्मशास्त्र, भजन संहिता 1:2-3) 

परमेश्वर का वचन मनुष्य के जीवन में अहं भूमिका निभाता है। परमेश्वर का वचन आपके जीवन में सुख - शान्ति,  खुशीयाँ और आनंद  लेकर आता है। मनुष्य केवल रोटी से ही जीवित नहीं रहता, परंतु जो - जो वचन परमेश्वर के मुख से निकलते हैं उन्हीं से जीवित रहता है। (धर्मशास्त्र, व्यवस्थाविवरण 8:3)


परमेश्वर ने कहा कि "मनुष्य केवल रोटी से ही नहीं परंतु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है, जीवित रहेगा। (धर्मशास्त्र, मत्ती 4:4) धर्मशास्त्र ने परमेश्वर के वचन के सम्बन्ध में कहा कि परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल और हर दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है जो जीव, आत्मा को और गांठ - गांठ को, गूदे - गूदे को अलग करके, आर -पर छेदता है, वह मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है। (धर्मशास्त्र, इब्रानियों 4:12)

बहुत सारी प्रतिज्ञाएं परमेश्वर ने किया है और इसके द्वारा परमेश्वर आपसे बात करेंगे। इसलिए आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ना चाहिए, आपको परमेश्वर के वचन को सुनना चाहिए ताकि आप जीवन, शांति,  सुख और आनंद को प्राप्त करें - ईश्वर पुत्र अरुण

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