सूरत शब्द योग में पाँच ब्रह्म कौन हैं ?
परमेश्वर की आत्मा पाँच ब्रह्म से होकर मनुष्य के शरीर में उतरी उस समय पाँचों ब्रह्म में पाँच भिन्न - भिन्न शब्द उत्पन्न हुए जो निम्न लिखित है :
अनामी आदि सत / परम पुरुष
अगम कार्य ब्रह्म
अलख वैकुण्ठ
(१ ) ध्वन्यात्मक ॐ सत लोक (१ ) वीणा / वैग पाईप
(२) सोहम ब्रह्म भँवर गुफा (२) वंशी
(३) रा रं ब्रह्म दसम द्वार (३) सारंगी / सितार
(४) माया ब्रह्म त्रिकुटी (४) ताल, गर्जना
(५) ज्योति निरंजन सहस्रार (५) घंटा, शंख
अनामी आदि सत / परम पुरुष
अगम कार्य ब्रह्म
अलख वैकुण्ठ
(१ ) ध्वन्यात्मक ॐ सत लोक (१ ) वीणा / वैग पाईप
(२) सोहम ब्रह्म भँवर गुफा (२) वंशी
(३) रा रं ब्रह्म दसम द्वार (३) सारंगी / सितार
(४) माया ब्रह्म त्रिकुटी (४) ताल, गर्जना
(५) ज्योति निरंजन सहस्रार (५) घंटा, शंख